भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल के महीनों में सोने की खरीदारी में बड़ा कदम उठाते हुए अपने स्वर्ण भंडार को ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। नवंबर 2024 में, RBI ने 8 टन सोना खरीदा, जिससे इस साल कुल खरीद 73 टन तक पहुंच गई। यह आंकड़ा चीन की 34 टन वार्षिक खरीदारी से दोगुना है। हालांकि, कुल भंडार के मामले में चीन अभी भी आगे है, जिसके पास 2,264 टन सोना है, जबकि भारत का कुल स्वर्ण भंडार अब 890 टन तक पहुंच गया है।
क्यों कर रहा है RBI सोने की जमाखोरी?
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक सोने को सुरक्षित निवेश मानकर खरीद रहे हैं। वैश्विक अनिश्चितता, मुद्रास्फीति, और विदेशी मुद्रा जोखिम को कम करने के लिए सोना सबसे भरोसेमंद संपत्ति बन गया है।
1. भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अस्थिरता:
बढ़ते तनावों और आर्थिक अनिश्चितताओं ने आरबीआई को सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। सोना विदेशी मुद्रा जोखिम और मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
2. डॉलर पर निर्भरता कम करने का प्रयास:
वैश्विक बाजार में डॉलर की प्रमुखता को देखते हुए, सोने में निवेश भारत के लिए एक रणनीतिक कदम है। यह विदेशी मुद्रा भंडार को संतुलित करने का काम करता है।
3. सोने की कीमतों में गिरावट:
अमेरिकी चुनावों के बाद सोने की कीमतों में गिरावट ने केंद्रीय बैंकों को अधिक खरीदारी के लिए प्रेरित किया।
भारत के स्वर्ण भंडार का बंटवारा
भारत के कुल 890 टन स्वर्ण भंडार में:
510 टन सोना भारत के नागपुर और मुंबई स्थित वॉल्ट्स में सुरक्षित है।
बाकी सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास विदेश में जमा है।
हालांकि, 2024 में आरबीआई ने अपने 100 मीट्रिक टन सोने को ब्रिटेन से भारत स्थानांतरित कर लिया। यह कदम वॉल्ट शुल्क बचाने और घरेलू भंडारण क्षमता के उपयोग के लिए उठाया गया।
अन्य देशों की सोने पर नजर
पोलैंड: 2024 में 21 टन सोने की खरीदारी के साथ, पोलैंड सोना खरीदने वाले देशों में शीर्ष पर रहा।
उज्बेकिस्तान: 9 टन सोना खरीदने के साथ तीसरे स्थान पर है।
चीन: छह महीने के अंतराल के बाद, नवंबर में चीन ने 5 टन सोने की खरीदारी की।
सोने की बढ़ती मांग और भविष्य की रणनीति
आरबीआई की सोने की खरीदारी ने भारत के स्वर्ण भंडार को मजबूत किया है। इस कदम से न केवल घरेलू भंडार बढ़ा है, बल्कि वैश्विक सोने की कीमतों में भी तेजी आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ता स्वर्ण भंडार भारत को आर्थिक अनिश्चितता के समय में बेहतर सुरक्षा प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
सोने की खरीदारी पर आरबीआई का फोकस यह दर्शाता है कि भारत अपनी आर्थिक स्थिरता को और मजबूत करने के लिए रणनीतिक कदम उठा रहा है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच यह निवेश न केवल देश की मुद्रा को स्थिर बनाएगा, बल्कि विदेशी मुद्रा भंडार को भी संतुलित करेगा।
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