बिहार में रीएग्जाम को लेकर आंदोलन तेज

बिहार में रीएग्जाम को लेकर आंदोलन तेज
Table of Contents

1. बीपीएससी आंदोलन: परिचय और पृष्ठभूमि

2. महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च: उद्देश्य और रणनीति

मार्च में छात्र इकाइयों की भूमिका

प्रदर्शन और पुतला दहन


3. महागठबंधन की मांगें और आरोप

परीक्षा में अनियमितता के आरोप

पुलिसिया दमन और झूठे मुकदमे

मुकदमे वापस लेने की मांग

4. लेफ्ट पार्टियों का समर्थन और बयान

सीपीआई की भूमिका और मांगें

सरकार के तानाशाही रवैये पर सवाल

5. बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा विवाद: मुख्य मुद्दे

परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप

चुनिंदा अभ्यर्थियों के लिए रीएग्जाम

सभी केंद्रों पर रीएग्जाम से इनकार

6. आंदोलन की वर्तमान स्थिति और महत्त्व

7. समाधान के संभावित विकल्प

8. निष्कर्ष: युवाओं की आवाज और सरकार की जिम्मेदारी


1. बीपीएससी आंदोलन: परिचय और     पृष्ठभूमि

 बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा 70वीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई। इस परीक्षा में अनियमितताओं और गड़बड़ियों के आरोप सामने आए, जिसके बाद हजारों अभ्यर्थी परीक्षा को रद्द करने और दोबारा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। यह आंदोलन पिछले तीन सप्ताह से पटना समेत पूरे बिहार में जारी है।

2. महागठबंधन का प्रतिरोध मार्च: उद्देश्य और रणनीति

महागठबंधन की सभी पार्टियों की छात्र इकाइयों ने अभ्यर्थियों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए 5 जनवरी 2025 को राज्यव्यापी प्रतिरोध मार्च आयोजित करने की घोषणा की।

- मार्च में छात्र इकाइयों की भूमिका

महागठबंधन के छात्र संगठनों ने आंदोलन को जन-आंदोलन बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, वाम दलों और अन्य संगठनों की सक्रिय भागीदारी है।

- प्रदर्शन और पुतला दहन

प्रतिरोध मार्च के दौरान सभी जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री और सरकार का पुतला दहन कर प्रदर्शन किया जाएगा।

3. महागठबंधन की मांगें और आरोप

- परीक्षा में अनियमितता के आरोप

आरजेडी के प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि बीपीएससी परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियां हो रही हैं, जिससे अभ्यर्थियों का भविष्य खतरे में है।

- पुलिसिया दमन और झूठे मुकदमे

महागठबंधन ने आंदोलनकारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करने और पुलिस के दमनकारी रवैये की कड़ी निंदा की है।

- मुकदमे वापस लेने की मांग

लेफ्ट पार्टियों ने भी आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लेने की मांग की है।

4. लेफ्ट पार्टियों का समर्थन और बयान

- सीपीआई की भूमिका और मांगें

सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने बयान दिया कि उनकी पार्टी आंदोलनकारियों की मांगों का पूर्ण समर्थन करती है।

- सरकार के तानाशाही रवैये पर सवाल

पांडेय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मामले पर चुप्पी तोड़ने की अपील की और सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

5. बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा विवाद: मुख्य मुद्दे

- परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप

कुछ परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।

- चुनिंदा अभ्यर्थियों के लिए रीएग्जाम

बीपीएससी ने केवल एक केंद्र की परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा आयोजित की, लेकिन सभी केंद्रों के रीएग्जाम से इनकार कर दिया।

- सभी केंद्रों पर रीएग्जाम से इनकार

अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं।

6. आंदोलन की वर्तमान स्थिति और महत्त्व

अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं और महागठबंधन का समर्थन उनके आंदोलन को और भी सशक्त बना रहा है।

7. समाधान के संभावित विकल्प

सभी परीक्षा केंद्रों पर रीएग्जाम आयोजित करना।

अभ्यर्थियों और आयोग के बीच संवाद स्थापित करना।

गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई।

8. निष्कर्ष: युवाओं की आवाज और सरकार की जिम्मेदारी

बीपीएससी परीक्षा की निष्पक्षता और अभ्यर्थियों के भविष्य को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यह आंदोलन न केवल परीक्षा सुधार का सवाल है, बल्कि युवाओं की आवाज और उनके हक की लड़ाई है।

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