भारत में ऐतिहासिक स्मारकों और कब्रों को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं। हाल ही में औरंगजेब की कब्र को हटाने की चर्चा तेज हो गई है। सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार कानूनी रूप से इसे हटा सकती है? आइए समझते हैं इस पर कानूनी और प्रशासनिक दृष्टिकोण।
1. कब्र किसके अधिकार क्षेत्र में आती है?
औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के औरंगाबाद (अब छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित है। यह पुरातत्व विभाग (ASI) के संरक्षण में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अधिनियम, 1958 के तहत किसी भी संरक्षित स्मारक को नष्ट या हटाने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास होता है, न कि राज्य सरकार के पास।
2. सरकार कब हटा सकती है?
अगर किसी स्मारक से कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा हो या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी कोई समस्या हो, तो केंद्र सरकार इसे हटाने या आम जनता की पहुंच सीमित करने का फैसला ले सकती है। हालांकि, इसके लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन जरूरी होगा।
3. राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
ऐसे किसी भी फैसले के बड़े राजनीतिक और सांस्कृतिक प्रभाव हो सकते हैं। इतिहास से जुड़े मामलों पर कदम उठाने से सामाजिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए सरकार आमतौर पर सोच-समझकर निर्णय लेती है।
निष्कर्ष
राज्य सरकार के पास इसे हटाने की शक्ति नहीं है। अगर ऐसा कोई फैसला लेना हो, तो यह केंद्र सरकार और ASI के अधिकार क्षेत्र में आता है।
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