चीन ने श्रीलंका को कर्ज चुकाने का दिया वादा, लेकिन खुद संकट में फंसा

चीन ने श्रीलंका को कर्ज चुकाने का दिया वादा, लेकिन खुद  संकट में फंसा !

चीन और श्रीलंका के बीच कर्ज का खेल

श्रीलंका पिछले कुछ वर्षों से गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। विदेशी कर्ज़ के भारी बोझ के चलते देश को कई बार दिवालिया होने की स्थिति का सामना करना पड़ा। इस संकट से उबरने के लिए श्रीलंका ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) समेत कई देशों से मदद मांगी थी। चीन, जो श्रीलंका का प्रमुख कर्जदाता है, ने इस संकट में आर्थिक मदद का आश्वासन दिया था।

चीन की मंशा और खुद की मुश्किलें

श्रीलंका को राहत देने के वादे के बावजूद चीन खुद वित्तीय संकट में फंसता जा रहा है। चीन की रियल एस्टेट कंपनियां, खासकर एवरग्रांडे और कंट्री गार्डन, भारी कर्ज में डूब चुकी हैं। इसके अलावा, चीन की अर्थव्यवस्था में मंदी और विदेशी निवेशकों का घटता विश्वास भी चिंता का विषय बना हुआ है।

श्रीलंका की उम्मीदें और बढ़ती अनिश्चितता

चीन से वित्तीय राहत की उम्मीद लगाए बैठे श्रीलंका के लिए यह स्थिति और मुश्किलें खड़ी कर सकती है। अगर चीन खुद ही आर्थिक दबाव में रहता है, तो श्रीलंका के कर्ज संकट का समाधान मुश्किल हो सकता है।

निष्कर्ष

चीन और श्रीलंका के आर्थिक संबंधों में यह स्थिति नया मोड़ ला सकती है। चीन के खुद के वित्तीय संघर्षों से यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ बड़े वादे करने से किसी देश की आर्थिक स्थिति नहीं सुधर सकती। श्रीलंका को अब अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी।

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